काल सर्प दोष की पूजा कब होती है? सही समय और तिथियाँ - Blog by Deepak Goutam

काल सर्प दोष की पूजा कब होती है? सही समय और तिथियाँ

Published on March 17, 20255 min read

काल सर्प दोष क्या है और पूजा क्यों जरूरी है?

काल सर्प दोष तब बनता है जब कुंडली में राहु और केतु एक तरफ सभी ग्रहों को घेर लेते हैं। यह स्थिति कर्मों में असंतुलन पैदा करती है, जिससे व्यक्ति को अपने जीवन में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कुछ लोगों को नौकरी में स्थिरता नहीं मिलती, कुछ को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं, तो कुछ के रिश्तों में अशांति रहती है। ज्योतिषियों का मानना है कि इस दोष को दूर करने के लिए विशेष पूजा और अनुष्ठान जरूरी हैं। काल सर्प दोष पूजा इन उज्जैन सबसे लोकप्रिय है क्योंकि उज्जैन का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व इसे खास बनाता है। लेकिन इस पूजा का प्रभाव तभी सबसे ज्यादा होता है जब इसे सही समय और तिथि पर किया जाए।

काल सर्प दोष पूजा का सही समय

काल सर्प दोष उज्जैन में पूजा का सही समय चुनना बहुत जरूरी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुछ खास दिन और समय इस पूजा के लिए सबसे शुभ माने जाते हैं। ये हैं वो मुख्य समय:

  1. नाग पंचमी: यह दिन काल सर्प दोष पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है। नाग पंचमी सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आती है।
  2. महा शिवरात्रि: यह त्योहार फाल्गुन मास में आता है और उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर की शक्ति के कारण बहुत प्रभावी है।
  3. अमावस्या: हर महीने की अमावस्या तिथि भी इस पूजा के लिए उपयुक्त होती है।
  4. ग्रहण काल: सूर्य या चंद्र ग्रहण का समय भी शुभ माना जाता है।
  5. श्रावण मास: यह मास भगवान शिव को समर्पित होता है और सोमवार को पूजा करना शुभ होता है।

काल सर्प दोष पूजा के लिए शुभ तिथियाँ और नक्षत्र

ज्योतिष में तिथि और नक्षत्र का भी बहुत महत्व है। काल सर्प दोष उज्जैन में पूजा के लिए कुछ खास तिथियाँ और नक्षत्र शुभ माने जाते हैं:

  • तिथियाँ: पंचमी, सप्तमी, एकादशी और अमावस्या।
  • नक्षत्र: रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, और हस्त नक्षत्र।
  • वार: शनिवार और बुधवार को काल सर्प दोष पूजा करना ज्यादा फलदायी माना जाता है। उज्जैन में पंडित आपकी कुंडली देखकर सही तिथि और नक्षत्र का चयन करते हैं।

दिन का सही समय (मुहूर्त)

उज्जैन काल सर्प दोष पूजा के लिए दिन का समय भी महत्वपूर्ण है। ज्योतिषियों के अनुसार:

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:00 से 5:30 बजे तक का समय सबसे शुभ होता है।
  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:30 से 12:30 के बीच का समय भी अच्छा माना जाता है।
  • संध्या काल: शाम 5:00 से 6:30 बजे तक का समय भी उपयुक्त हो सकता है। हालांकि, ग्रहण या विशेष तिथि पर मुहूर्त अलग हो सकता है।

काल सर्प दोष पूजा की प्रक्रिया और समय

काल सर्प दोष पूजा इन उज्जैन की प्रक्रिया भी समय पर प्रभाव डालती है। यह पूजा एक दिन में पूरी हो सकती है या 2-3 दिन तक चल सकती है:

  • एक दिन की पूजा: इसमें मंत्र जाप, हवन और दान शामिल होता है।
  • लंबी पूजा: गंभीर मामलों में 2-3 दिन का अनुष्ठान होता है। उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे या महाकालेश्वर मंदिर के पास यह पूजा की जाती है।

उज्जैन में पूजा का खास महत्व

उज्जैन काल सर्प दोष पूजा इसलिए खास है क्योंकि यह शहर सात मोक्ष पुरियों में से एक है। महाकालेश्वर मंदिर और शिप्रा नदी की पवित्रता इस पूजा को और प्रभावी बनाती है। मान्यता है कि यहाँ सही समय पर पूजा करने से राहु और केतु का प्रभाव तेजी से कम होता है।

निष्कर्ष

काल सर्प दोष की पूजा कब होती है? इसका जवाब है कि यह सही समय और तिथि पर की जानी चाहिए। नाग पंचमी, महा शिवरात्रि, अमावस्या, ग्रहण काल और श्रावण मास जैसे समय इसके लिए सबसे शुभ हैं। काल सर्प दोष उज्जैन में पूजा करने के लिए पंचमी, सप्तमी, शनिवार और ब्रह्म मुहूर्त जैसे समय चुनें। अगर आपकी कुंडली में काल सर्प दोष है, तो उज्जैन काल सर्प दोष पूजा आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।

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